वाराणसी में घूमने की जगह: भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के तट पर स्थित आश्चर्यजनक शहर वाराणसी, हिंदुओं के बीच एक विशेष महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यदि आप वाराणसी गए हैं, तो आपने शायद देखा होगा कि बहुत से लोग मुक्ति और शुद्धि की तलाश में यहां आते हैं। वाराणसी हर साल अपने घाटों और कई विशाल मंदिरों के अलावा कई अन्य प्रसिद्ध स्थानों से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ भारतीय भी इस स्थान पर आना पसंद करते हैं। चाहे आप अकेले या अपने परिवार के साथ यहां यात्रा करने की सोच रहे हों, इस लेख में सूचीबद्ध वाराणसी स्थानों को अपनी सूची में जोड़ना सुनिश्चित करें।
वाराणसी जाने का सही समय
वार्षिक उत्सव और त्योहार: महाशिवरात्रि, दीपावली, होली, और कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्योहारों में वाराणसी अधिक आकर्षित होता है। इन अवसरों पर यहां का माहौल विशेष रूप से चमकता है।
सर्दी के महीने: नवम्बर से फरवरी तक का समय वाराणसी का मौसम शानदार होता है। ठंडक के मौसम में घूमने का आनंद लेने के लिए यह समय अच्छा है।
सर्वांग सुंदरता: बनारस के घाट, मंदिर, और ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए शांत मौसम और ठंडक के मौसम का आनंद लेने के लिए सुमर और आउटमन्थ महीनों को विचार सकते हैं।
पूजा और धार्मिक गतिविधियां: धार्मिक गतिविधियों और पूजा के लिए किसी भी समय वाराणसी उपयुक्त है, लेकिन कोई भी धार्मिक उत्सव या महोत्सव के दौरान जाना और भाग लेना अच्छा हो सकता है।
सैलानी का समय: यदि आप सैलानी हैं और गंगा नदी पर यात्रा करना चाहते हैं, तो सर्दी के महीनों से बचकर रहें क्योंकि ठंडे पानी में सैलानी नहीं कर सकते हैं।
वाराणसी में घूमने की 10 जगह
काशी विश्वनाथ मंदिर: भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक है, और यह वाराणसी का सबसे प्रमुख और पवित्र स्थान है।
गंगा घाट: वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र घाटों में से हैं, जहां लोग स्नान करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।
सरनाथ: गौतम बुद्ध का प्रचार-प्रसार करने वाले स्थलों में से एक, जहां उन्होंने पहला धर्मचक्र प्रवर्तन किया था।
रात की आरती (गंगा आरती) दर्शन: शाम को गंगा घाटों पर होने वाली आरती देखना अनूठा अनुभव है।
भारत कला भवन: भारतीय कला और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करने वाला यह स्थान कला प्रेमियों के लिए उत्कृष्ट है।
तुलसी मंदिर: यह मंदिर वाल्मीकि तुलसीदास को समर्पित है और तुलसी रामायण की रचना करने वाले श्री तुलसीदास की मूर्ति को संजीवनी कहलाती है।
राजा घाट: यह घाट भी गंगा के किनारे स्थित है और विशेष रूप से गंगा स्नान के लिए लोकप्रिय है।
भूतेश्वरनाथ मंदिर: यह भगवान शिव के लिए समर्पित है और विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है।
धुनदाश्वर नाथ मंदिर: यह मंदिर श्री रामचन्द्र के भक्त तुलसीदास को समर्पित है और इसमें उनकी मूर्ति है।
संकटमोचन हनुमान मंदिर: यह हनुमान जी को समर्पित है और श्रद्धालुओं के बीच में बहुत पूज्य है।
1. काशी विश्वनाथ मंदिर
कई लोग इसे वाराणसी में सबसे प्रमुख मंदिर के रूप में देखते हैं, और कुछ इसे पूरे देश में सबसे महत्वपूर्ण मंदिर मानते हैं। आपको बता दें, इस मंदिर की कहानी साढ़े तीन हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, यहां हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। कई भक्तों का मानना है कि शिवलिंग की एक झलक आपकी आत्मा को शुद्ध करती है और जीवन को ज्ञान के मार्ग पर ले जाती है। हमारा मानना है कि आपको अपने वाराणसी दौरे की शुरुआत यहीं से करनी चाहिए।
2. अस्सी घाट
ऐसा माना जाता है कि प्रसिद्ध कवि तुलसीदास का निधन अस्सी घाट पर हुआ था। पर्यटक इस स्थान के दक्षिणी घाट की ओर सबसे अधिक आकर्षित होते हैं। दिन के हर घंटे, इस स्थान पर आगंतुकों की संख्या बढ़ जाती है और त्योहारों के दौरान यह संख्या और भी अधिक बढ़ जाती है। अस्सी और गंगा नदियों के मिलन बिंदु पर स्थित, अस्सी घाट एक विशाल शिव लिंगम के लिए प्रसिद्ध है जो एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थित है। इस घाट का उल्लेख पुराणों में कई अन्य स्थानों के साथ-साथ मिलता है और इसका बहुत धार्मिक महत्व है। वाराणसी के केंद्र में अस्सी घाट है, जहां पर्यटक और स्थानीय लोग शाम और भोर में गंगा के मनमोहक दृश्यों का आनंद लेने के लिए एकत्र होते हैं। क्षेत्र के युवा लंबे समय से घाट को शाम के समय घूमने के लिए एक लोकप्रिय स्थान मानते रहे हैं। घाट की भव्य सुबह की आरती देखने के लिए आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए।
3. संकट मोचन हनुमान मंदिर
स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1900 के दशक में संकट मोचन हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था, और यह अस्सी नदी के तट पर स्थित है। यह हनुमान और भगवान राम को समर्पित है। संकट मोचन मंदिर वाराणसी से अटूट रूप से जुड़ा हुआ है और इस पवित्र शहर का एक मूलभूत घटक है। वाराणसी आने वाला प्रत्येक पर्यटक इस मंदिर में अवश्य रुकता है और हनुमान के दर्शन करता है। स्थानीय लोग इस मंदिर में परोसे जाने वाले लड्डुओं को व्यावहारिक रूप से पौराणिक मानते हैं। संकट मोचन जाते समय सावधानी बरतें क्योंकि बंदर मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकते हैं और प्रसाद चुरा सकते हैं।
4. भूतेश्वरनाथ मंदिर
भूतेश्वरनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भगवान शिव के भक्तों के लिए पवित्र माना जाता है। मंदिर का नाम ‘भूतेश्वर’ शब्द से लिया गया है, जो भूतों के ईश्वर को संकेत करता है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था और यह वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है। मंदिर में एक शिवलिंग है, जो श्रद्धालुओं की भक्ति का केंद्र है। भूतेश्वरनाथ मंदिर ने अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए पहचान बनाई है और यहां हरियाली तृतीया को विशेष आस्था के साथ मनाया जाता है।
5. भारत कला भवन
भारत कला भवन, वाराणसी, भारत, एक सुंदर सांस्कृतिक स्थल है जो भारतीय कला, शिल्पकला, और साहित्य को प्रमोट करने का कार्य करता है। यह स्थान श्री विश्वनाथ खंडे के नेतृत्व में स्थापित हुआ है और 1989 में सार्वजनिक रूप से खुला। भारत कला भवन में भारतीय कला के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करने के लिए एक बड़ा संग्रहालय है, जिसमें पुरातात्विक कला, पेंटिंग्स, मूर्तिकला, और बौद्धिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाता है। स्थानीय कलाकारों की रचनाएँ भी यहां प्रदर्शित की जाती हैं। भारत कला भवन एक शिक्षा केंद्र भी है, जहां सांस्कृतिक गतिविधियों, कार्यशालाओं, और सेमिनारों का आयोजन किया जाता है। यह स्थान सांस्कृतिक अनुभव और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है।