कोच्चि में घूमने की जगह: भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित, केरल का सुरम्य राज्य कोच्चि के लोकप्रिय पर्यटन स्थल का घर है। व्यापारिक दृष्टिकोण से कोच्चि या कोचीन शहर का महत्व अलग-अलग है। अपने बंदरगाह के कारण कोच्चि व्यापार का केंद्र है। आपको बता दें कि 600 साल पुराने शहर कोच्चि में बहुत सारे लोग यात्रा करते हैं। केरल का वित्तीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्र कोच्चि, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। अरब सागर की रानी कोच्चि का दूसरा नाम है। कोच्चि के पर्यटक अन्य चीज़ों के अलावा सुरम्य समुद्र तटों, महलों, संग्रहालयों, मंदिरों और चर्चों को देख सकेंगे।
भारत के मसाला व्यापार के कारण ही कोच्चि शहर अधिक व्यापक रूप से जाना जाता है। अरबों के साथ अपने व्यापारिक सौदों के माध्यम से, कोच्चि ने एक विशिष्ट पहचान स्थापित की है। भारत का कोच्चि वह पहला स्थान था जहाँ पुर्तगालियों ने 1503 में आक्रमण किया था। फिर भी, बाद में, ब्रिटिश और डचों ने कोच्चि पर कब्ज़ा कर लिया। भारत की आजादी और 1990 के बाद लागू किये गये आर्थिक सुधारों के बाद कोच्चि का व्यावसायिक महत्व बढ़ गया। केरल का वाणिज्यिक केंद्र कोच्चि के नाम से जाना जाने लगा है।
कोच्चि जाने का सही समय
नवम्बर से फरवरी: नवम्बर से फरवरी कोच्चि का सर्दी का मौसम होता है और तापमान उच्च 20-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस समय में शीतल और सुखद मौसम का आनंद लेना सुरक्षित होता है।|
दिसम्बर से जनवरी: यह समय कोच्चि का सबसे अच्छा है, क्योंकि तापमान माध्यम से कम होता है और समुद्र तट का अनुभव करने के लिए उत्तम है।
फरवरी से मार्च: इस समय कोच्चि में सर्दी का समाप्त होने के बाद, ठंडक बनी रहती है और सुहाना मौसम रहता है।
जून से सितंबर: यह बर्शात का मौसम होता है और कोच्चि में भारी वर्षा हो सकती है, जिससे यात्रा कठिन हो सकती है।
अप्रैल से जून: गर्मी के मौसम के कारण यह समय कुछ ठंडा हो सकता है, लेकिन अगर आप उच्च तापमान का सामना कर सकते हैं तो यह भी एक विकल्प हो सकता है।
कोच्चि में घूमने की 10 जगह
फॉर्ट कोची (Fort Kochi): यहां आपको पुराने शैली के घर, चर्च और भव्य पोर्ट क्षेत्र मिलेगा। फॉर्ट कोची की सड़कों पर घूमना एक अनुपम अनुभव हो सकता है।
मतच लैक (Mattancherry): यहां पलेस रोड पर, जू सिंग की हाट, और दचीटी वायल जैसी जगहें हैं जो आपको स्थानीय फोल्क कल्चर से जुड़ा हुआ दिखा सकता है।
ज्वार पर (Jew Town): यह एक विशेष बाजार है जिसमें दुनियाभर से आया हुआ विभिन्न किस्म का कला, सामग्री, और चीजें मिलती हैं।
सीकड़चे (Vypeen Island): कोच्चि के पास स्थित इस द्वीप पर आपको शांति और प्राकृतिक सौंदर्य मिलेगा।
वायपिन (Vypin Beach): यहां की सुंदर समुद्र तट और शांतिपूर्ण वातावरण आपको आकर्षित कर सकता है।
चेनंब्रे बेच (Cherai Beach): यह सुंदर समुद्र तट एक शांतिपूर्ण महौल के साथ है और यहां आप अच्छे समय का आनंद ले सकते हैं।
मारारीकुलंगरा तिरुकोटी (Marari-Kumarakom): यह स्थल कोच्चि के निकट स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है।
आस्था पथीरमाल (Asthachal Peak): कोच्चि के पास स्थित यह पहाड़ी आपको एक शानदार प्राकृतिक दृश्य प्रदान करती है।
दुत्तापुट्टु नगरजुन गुफा (Dutch Palace and Nagarjun Gufa): दुत्तापुट्टु नगरजुन गुफा एक प्राचीन गुफा है जो सामंजस्यपूर्ण भौतिक दृश्य प्रदान करती है।
पेरियार वन्यजीव अभ्यारण्य (Periyar Wildlife Sanctuary): कोच्चि के पास स्थित यह अभ्यारण्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है और यहां एक्सक्लूजिव वन्यजीव सफारी भी होती है।
1. फॉर्ट कोची
फॉर्ट कोची, केरला, भारत में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपने ऐतिहासिक महत्व और प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह अलग-अलग युगों के निर्माणकला के प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रिटिश, पुर्तगाली, और ओल्ड फ्रेंच शैली के इतिहासी इमारतों के लिए मशहूर है। फॉर्ट कोची का एक प्रमुख आकर्षण, सेन्टीसा बेसिलिका है, जो 16वीं शताब्दी में बनी थी और पुर्तगाली आक्रमणकारियों द्वारा बनाई गई थी। यहां आप फॉर्ट कोची बीच, चाय म्युज़ीयम, और सिर्फी क्वार्टर्स जैसे स्थलों को भी देख सकते हैं जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साक्षरता को दर्शाते हैं। फॉर्ट कोची एक सुंदर यात्रा का स्थल है जो परंपरागत भारतीय और विदेशी शैलियों का अद्वितीय संगम है, जिससे यह एक सांस्कृतिक संग्रहण का केंद्र बन गया है।
2. मट्टंचेरी पैलेस
मट्टंचेरी पैलेस (Mattancherry Palace), जिसे शानदार और भव्य सार्वजनिक इमारतों का एक उदाहरण माना जाता है, केरला, भारत में स्थित है। यह पैलेस मट्टंचेरी राजा श्रीवेररमा वर्मा द्वारा 16वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था और पहले एक दुत्तापुट्टु (ब्रिटिश) नामक इमारत के रूप में जाना जाता था। मट्टंचेरी पैलेस भारतीय और पुर्तगाली शैली की विशाल सीमा चित्रित करता है और इसमें एकांत और शांति का अद्वितीय वातावरण है। यहां के पुरातात्विक शैली के चित्र और कला को देखकर आपको कोच्चि के समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत अंग मिलेगा। मट्टंचेरी पैलेस की मुख्य आकृति ‘Nālukettu’ है, जिसमें चार कोने समान होते हैं और एक मुख्य सभा हॉल में एकत्रित होते हैं। इसमें आधुनिक सुविधाएं, सुंदर शिकर कला, और स्थानीय ऐतिहासिक खगोलशास्त्रीय डेटा भी हैं जो यात्रीगण को आकर्षित करती हैं।
3. जेविश सिनागोग
जेविश सिनागोग, केरला, भारत में स्थित एक प्राचीन यहूदी मंदिर है जो कोच्चि के फॉर्ट क्षेत्र में स्थित है। यह सिनागोग एकमात्र एशियाई यहूदी समुदाय की सहृदयता का प्रतीक है और यह कोच्चि में बनी सबसे प्राचीन सिनागोग में से एक है। जेविश सिनागोग को 1568 में बनाया गया था और इसे महाराष्ट्र के सुलेमान आगा नाइर के उपकरणों के साथ सजाया गया। यहां की विशेषता यह है कि यह इंडियन सोलोमनिक डिजाइन का सजावट किया गया है और इसमें विशेष धार्मिक चिन्हों और कलात्मक सुंदरता है। इस सिनागोग का अद्वितीयता में से एक तथ्य यह है कि इसमें एक बारीक चीज है जो 18वीं शताब्दी में यहूदी समुदाय की सफलता की एक पत्थर टैबल पर उतारी गई थी। जेविश सिनागोग भारतीय सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां आने वाले पर्यटकों को इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
4. विलिंगडन द्वीप
विलिंगडन द्वीप, इंडियन ओशन में स्थित एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर द्वीप है जो लक्षद्वीप द्वीप समूह का हिस्सा है। यह द्वीप लक्षद्वीप के कवाराटी द्वीप समूह का हिस्सा है और इसका नाम संस्कृत शब्द “विलिंग” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “वृक्षों की छाया”। विलिंगडन द्वीप को इसकी बेहद सुंदर बीचों, समृद्ध उद्यानों, और सुप्रभात भूतल के लिए जाना जाता है। यहां के स्वच्छ और हरित समुद्रतट ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय बना दिया है। विलिंगडन द्वीप प्रमुख रूप से स्नोर्कलिंग और डाइविंग के प्रेमीयों के बीच मशहूर है, क्योंकि यहां के समुद्र का जीवन अद्भुत और रंगीन है। यह एक शानदार मौसम, शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संयोजन है, जिससे यह एक पूर्वाग्रही बना रहता है।