ऊटी में घूमने की जगह: अक्सर पहाड़ियों की रानी के रूप में जाना जाने वाला ऊटी दक्षिण भारत के तमिलनाडु की नीलगिरि पहाड़ियों में पाया जाने वाला एक आश्चर्यजनक पर्यटन स्थल है। ऊटी का पूरा नाम उदगमंडलम है। यह मैसूर से 128 किमी दक्षिण में और कोयंबटूर से 86 किमी उत्तर में स्थित है। ऊटी में, बहुत सारे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं जो घरेलू और विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आपको बता दें कि ऊटी में दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक ठंड पड़ती है, इसलिए आगंतुकों को तदनुसार पैकिंग करनी चाहिए और गर्म कपड़े पहनने चाहिए।
ऊटी जाने का सही समय
ऊटी जाने का सही समय निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की यात्रा कर रहे हैं और आपकी पसंद क्या है। यहां कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं:
सर्दी (दिसंबर से फरवरी): यह समय ऊटी के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि ठंडक रहती है और बर्फबारी हो सकती है।
गर्मी (मार्च से जून): गर्मी के महीनों में ऊटी जाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि तापमान बहुत उच्च होता है।
मानसून (जुलाई से सितंबर): यह समय भी ऊटी के लिए अनुप्रयुक्त हो सकता है क्योंकि बारिश और मैदानी इलाकों में चट्टानों की गिलासी की वजह से रास्ता मुश्किल हो सकता है।
खरिफ़ (अक्टूबर और नवंबर): यह समय भी ठंडा होता है, लेकिन इस समय बर्फबारी की संभावना कम होती है।
ऊटी में घूमने की 10 जगह
केदारनाथ: यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो चार धाम यात्रा का हिस्सा है।
बद्रीनाथ: एक अन्य चार धाम स्थल, बद्रीनाथ एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है।
गौमुख और ताप्तकुंड: ये गंगोत्री ग्लेशियर के पास स्थित हैं और एक प्रमुख तीर्थ स्थल हैं।
नैनीताल: यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है और नैनीताल झील के किनारे स्थित है।
मसूरी: एक और प्रसिद्ध हिल स्टेशन, मसूरी पर्वतीय सुंदरता और मौसम के लिए जाना जाता है।
रिशिकेश: यह गंगा नदी के किनारे स्थित है और योग और साधना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
हरिद्वार: यह गंगा नदी का एक और प्रमुख तीर्थ स्थल है और हिन्दू धर्म के लिए महत्वपूर्ण है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: यह एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है जो प्रदेश के उत्तरी हिस्से में स्थित है।
आल्मोरा: यह एक परंपरागत पहाड़ी शहर है जिसमें प्राचीन मंदिर और घाटी हैं।
राजाजी नेशनल पार्क: यह पार्क ऊटी के पश्चिमी हिस्से में स्थित है और वन्यजनों की सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध है।
1. नीलगिरि पर्वत रेलवे
एक विश्व धरोहर स्थल, नीलगिरि माउंटेन रेलवे का निर्माण 1908 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था। 46 किलोमीटर की यह प्यारी टॉय ट्रेन यात्रा मेट्टुपालयम से शुरू होती है और कई सुरंगों, पुलों और सुरम्य घाटियों से होकर लगभग पांच घंटे में ऊटी पहुंचती है। एक टॉय ट्रेन की 300 से 7200 फीट तक की चढ़ाई निस्संदेह आनंददायक है।
2. ऊटी झील
ऊटी झील आरामदायक सैर, पिकनिक और पैडल बोटिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। यह झील, जो 2.5 किमी लंबी है और नीलगिरि पहाड़ियों से होकर गुजरती है, का निर्माण 1825 में किया गया था। हम आपको बता दें कि यह सलमान खान की फिल्म मैंने प्यार किया के एक गाने का स्थान है। इसके अतिरिक्त, झील के पास कुछ दुकानें हैं जो विभिन्न प्रकार के क्षेत्रीय सामान पेश करती हैं।
3. डोड्डाबेट्टा चोटी
दक्षिण भारत का सबसे ऊँचा स्थान डोड्डाबेट्टा पीक 8,606 फीट ऊँचा है। ऊटी से दस किलोमीटर दूर स्थित यह चोटी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां से आपको नीलगिरी का अद्भुत नजारा दिखता है। शिखर का शीर्ष अविश्वसनीय रूप से मनोरम है; वहाँ एक दूरबीन घर है जिसमें दो दूरबीनें हैं जो नीचे घाटी का व्यापक दृश्य प्रदान करती हैं। डोड्डाबेट्टा पीक का समग्र आकर्षण इस क्षेत्र में पौधों और जानवरों की प्रचुरता से बढ़ जाता है।
4. मुरुगन मंदिर
तमिलनाडु के अन्य शहरों की तरह, ऊटी भी कई शानदार डिजाइन वाले मंदिरों का घर है। ऐसा ही एक बड़ा मंदिर है मुरुगन मंदिर, जो एल्क हिल पर स्थित है। यह मंदिर भगवान मुरुगन को समर्पित है। यहां का मुख्य आकर्षण कावड़ी अट्टम नृत्य है, जो भगवान के भक्तों द्वारा किया जाता है।
5. प्यकारा जलप्रपात
ऊटी से 20 किलोमीटर दूर स्थित पायकारा फॉल्स देवदार के पेड़ों से घिरा एक शानदार पिकनिक स्थान है। यह स्थान फोटोग्राफी के लिए भी प्रसिद्ध है। आप इस झील में स्पीडबोट की सवारी के साथ-साथ देवदार के पेड़ों के बीच इत्मीनान से टहलने का आनंद ले सकते हैं। झरने के पास एक बोट हाउस और रेस्तरां हैं जहां आप पानी की शुद्ध धाराओं के मनमोहक दृश्यों का आनंद लेते हुए हल्का भोजन कर सकते हैं। आस-पास के क्षेत्र में टोडा बस्तियाँ भी आम हैं।