पुणे में घूमने की 10 जगह
शानिवारवाडा: यह एक पुणे का प्रमुख इतिहासी स्थल है जो पूना के मराठा साम्राज्य के समय का है। यहां का महाद्वार, दरबार हॉल, और गणपती मंदिर दर्शनीय हैं।
आगा क्हान पैलेस: यह एक शानदार म्यूजियम है जो पुणे के इतिहास, कला, और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।
सिंधुदुर्ग फ़ोर्ट: यह एक उच्च स्थित दुर्ग है जो पुणे से कुछ दूर है और एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है।
डगडुशेठ हलवाई गणपति टेंपल: यह गणपति मंदिर पुणे का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और गणेश उत्सव के दौरान यहां भी धूमधाम से मनाया जाता है।
पातवडी गणपति मंदिर: यह एक और प्रमुख गणपति मंदिर है जो पुणे में स्थित है और स्थानीय लोगों के बीच पूज्य है।
ओशो आश्रम: यदि आप आध्यात्मिकता और ध्यान की तलाश में हैं, तो ओशो आश्रम आपके लिए एक शानदार स्थान हो सकता है।
राजीव गांधी जली खेलकूद कंप्लेक्स: यहां आपको विभिन्न खेलों और रेक्रेएशनल गतिविधियों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
पुणे ओकलैंड्स गोल्फ क्लब: गोल्फ शौकीयों के लिए यहां एक अच्छा स्थान है जहां आप अपने गोल्फ कौशल को सुधार सकते हैं।
पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट: यह एक शिक्षा और मनोरंजन का संग्रहण है जो सिनेमा के प्रेमी लोगों के लिए दृष्टिकोण प्रदान करता है।
शिंदे चात वाला: यदि आप स्थानीय खाद्य का आनंद लेते हैं, तो यहां के चाट विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
1. शानिवार वाडा
शानिवारवाडा, पुणे, महाराष्ट्र, एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है जो मराठा साम्राज्य के समय से जुड़ा हुआ है। इसका नाम वर्तमान दिन के पुनः वास से लिया गया है, जो ।।शनिवार।। (Saturday) के दिन यहां के राजा श्रीमंत नारायणराव पेशवा के लिए भव्य दरबार आयोजित किया जाता था। शानिवारवाडा में सुंदर महाद्वार, बगीचे, और दरबार हॉल हैं, जो अपने भव्य आर्किटेक्चर और इतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां के चार दरवाजे—मस्तानची दरवाजा, खिलारखीची दरवाजा, गणेशची दरवाजा, और नारायणची दरवाजा—मुख्य रूप से देखे जाते हैं।
2. आगा क्हान पैलेस
आगा क्हान पैलेस, महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित एक महत्वपूर्ण इतिहासी स्थल है। यह पैलेस मराठा साम्राज्य के समय के अंतर्गत बनाया गया था और एक समृद्धि और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसे शानदार मुघल शैली में बनाया गया है और इसमें एक सुंदर बागबान भी शामिल है। आगा क्हान पैलेस का नाम अग्रसेन के पुत्रों में से एक, आगा क्हान के नाम पर है, जिन्होंने इसे बनवाया था। यह पैलेस सफेद संगमरमर से बना है और इसमें महाराष्ट्र के इतिहास, सांस्कृतिक, और कला से जुड़े अनेक विशालकाय मूर्तियां, चित्र, और शैलीशील रचनाएं हैं।
3. ओशो आश्रम
ओशो आश्रम, पुणे, महाराष्ट्र, एक ध्यान और आध्यात्मिकता केंद्र है जो भगवान रजनीश (ओशो) के शिष्यों और अनुयायियों के लिए स्थापित किया गया है। यह आश्रम पुणे के कोरेगांव नगरी में स्थित है और वहां ध्यान, साधना, संगोष्ठी, और अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। ओशो आश्रम ने विश्वभर में आध्यात्मिक चेतना और व्यक्तिगत सद्गति की ओर लोगों को प्रवृत्त किया है। यहां के कार्यक्रमों में ध्यान, योग, साधना, सत्संग, और विचार-मंथन शामिल हैं, जो आत्मा के साथ संबंधित विचारों को समझने और समर्पित होने का एक माध्यम प्रदान करते हैं।
4. डगडुशेठ हलवाई गणपति टेंपल
डगडुशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे, महाराष्ट्र, भारत में स्थित है और यह गणेश भगवान को समर्पित है। यह मंदिर श्री डगदुशेठ गणपति ट्रस्ट के द्वारा संचालित होता है, जो भारतीय धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का नाम श्री डगडुशेठ गणपति के पुणे के सुरतगर व्यापारी श्री डगडुशेठ हलवाई के नाम पर है, जिन्होंने मंदिर की नींव रखी थी। यहां भगवान गणेश को ‘दगडुशेठ’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘लकड़ी के व्यापारी’। इस मंदिर में भगवान गणेश को धूप, दीप, फल, और मिठाई सहित विभिन्न प्रकार की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर का वातावरण श्रद्धालुओं के बीच शांति और आत्मा की शक्ति के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी माना जाता है। डगडुशेठ हलवाई गणपति मंदिर एक लोकप्रिय पूजा स्थल है और विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए भी जाना जाता है। मंदिर के सामंजस्यपूर्ण प्रबंधन ने इसे पुणे के धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बनाए रखा है।
5. सिंधुदुर्ग फ़ोर्ट
सिंधुदुर्ग फ़ोर्ट, महाराष्ट्र, भारत में एक प्रमुख समुद्री किला है जो अरब सागर के किनारे, सिंधुदुर्ग जिले में स्थित है। इसे मराठा साम्राज्य के महाराष्ट्री साम्राज्य शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाया था और इसका निर्माण 1664 से 1667 ईसा पूर्व में हुआ था। फ़ोर्ट का नाम सिंधुदुर्ग, जिसका अर्थ होता है ‘समुद्र का किला’, इसकी समुद्री वस्तुओं से संबंधित बहुत ही नकीली रचना को दर्शाता है। फ़ोर्ट को एक चौकोनी किला माना जाता है, जिसमें चारों दिशाओं में बुलंद दीवारें होती हैं जो समुद्र की लहरों के खिलाफ खड़ी रहने में मदद करती हैं। फ़ोर्ट का आकार और स्थान समुद्री यात्रा के लिए एक मनोहर पर्यटन स्थल बनाता है, और यह इतिहास, सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। सिंधुदुर्ग फ़ोर्ट पर जाने के दौरान आप शिवाजी महाराज के द्वारा बनवाए गए इस महाकाव्य के सौंदर्य और ऐतिहासिक विवरण का आनंद ले सकते हैं।