त्रिवेंद्रम में घूमने की जगह: त्रिवेंद्रम, भारत के केरला राज्य की राजधानी है, जो दक्षिण भारत के तट पर स्थित है। इसका पुराना नाम था थिरुअनन्तपुरम, जिसे अब त्रिवेंद्रम कहा जाता है। यह एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर है जो धार्मिकता, कला, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। त्रिवेंद्रम का एक प्रमुख धारोहर है श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, जिसमें भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थित है और यह हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। त्रिवेंद्रम में काणी कोविल, कॉटेचन दरबार, नापियार वायल नेचुरल्स, और शंकुमुगं बीच जैसे दर्शनीय स्थल हैं जो आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। इस शहर में स्थित आर्ट गैलरी ऑफ राजा रावि वर्मा और नापियार पय्यंगला जैसे स्थान आलोकित कला और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए एकमात्र हैं। त्रिवेंद्रम की सुंदर और शांतिपूर्ण बीचों, पार्कों, और इसके सांस्कृतिक समृद्धि के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां का मौसम सुबह और शाम को आनंददायक है और यह एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है।
त्रिवेंद्रम घूमने का सही समय
नवम्बर से फरवरी: इस समय में थिरुवनंतपुरम का मौसम शानदार होता है, जब शीतल और सुहावनी हवाएं चलती हैं। तापमान भी मध्यम रहता है, जिससे यात्रा का आनंद लेना आसान होता है।
जून से सितंबर: यह समय तिरुवनंतपुरम में मानसून का समय होता है, जब बारिशें होती हैं। अगर आप बारिश में भी यात्रा करना पसंद करते हैं तो यह समय उपयुक्त हो सकता है।
मार्च और अप्रैल: इस समय थिरुवनंतपुरम में तापमान उच्च होता है, लेकिन मौसम अच्छा रहता है। इस समय को ध्यान में रखते हुए आप अपनी यात्रा का आयोजन कर सकते हैं।
त्रिवेंद्रम में घूमने की 10 जगह
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर: यह हिन्दू धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और यहां के अनेक पूजा और धार्मिक आयोजन होते हैं।
कॉटेचन दर्बार: यह एक इतिहासी किला है जो त्रिवेंद्रम के राजा महाराजा स्वाती थिरुनाल की राजधानी थी।
नापियार वायल नेचुरल्स: यह एक प्राकृतिक शैली का उदाहरण है जो वन्यजनों के लिए एक आदर्श स्थल है।
काणी कोविल श्रीपर्क्राकारि अंबालपुरम: यह एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जो उच्च कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
प्रियदर्शिनी पेरियर बोटनिकल गार्डन: यहां आप विभिन्न प्रजातियों के फूलों, पौधों, और वृक्षों का आनंद ले सकते हैं।
आर्ट गैलरी ऑफ राजा रावि वर्मा: यह गैलरी आधुनिक और क्लासिक भारतीय कला का अद्भुत संग्रह प्रदान करती है।
शंकुमुगं बीच: यह सुंदर समुद्र तट एक आरामदायक यात्रा और समय बिताने के लिए अच्छा स्थान है।
नीपे ठैयारपुरम पैलेस: यह एक आदर्श उदाहरण है भारतीय राजा-महाराजों के आवास की शैली का।
नापियार पय्यंगला: यह एक अनुपम पर्वतीय इलाका है जो ट्रेकिंग और नेचर लवर्स के लिए उपयुक्त है।
अट्टुकल पायसं: यह एक खूबसूरत झील है जहां आप बोटिंग और अन्य जलस्पर्धाएं कर सकते हैं।
1. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, त्रिवेंद्रम, केरला, भारत में स्थित है और यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। मंदिर में भगवान विष्णु की एक अनूपम प्रतिमा स्थित है, जिसे “अनन्तशयन” कहा जाता है, जो एक शयनासन पर लेटे हुए हैं। इस मंदिर का नाम ‘पद्मनाभ’ भगवान के साथी के रूप में जाना जाता है, और ‘स्वामी’ उनके राजा होने का संकेत है। मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय आर्किटेक्चर की अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, और इसमें ड्रविड़, केरलीय, और नागर स्थापत्यकला का सुंदर संगम है। मंदिर के सामंजस्यपूर्ण वातावरण और धार्मिक महत्व के कारण, श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर पर्यटन के लिए एक लोकप्रिय स्थल है। इसका दर्शन करना हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव है।
2. पूवर द्वीप
पूवर द्वीप, केरला, भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वीप एक छोटी सी आत्मसमर्पित समुद्री भूमि है जो अरब सागर में स्थित है और अपने सफेद सैंड बीचों और समुद्री जीवन के लिए मशहूर है। पूवर द्वीप का सबसे प्रमुख आकर्षण है पूवर बीच, जिसे भारत के सबसे सुंदर बीचों में से एक के रूप में जाना जाता है। इस बीच पर बैठकर समुद्री सैलिंग, स्विमिंग, और सैनबैथिंग का आनंद लिया जा सकता है। यहां का समुद्री जीवन भी उदार और आकर्षक है, जिसमें कई प्रजातियां और रंगीन कोरल रीफ शामिल हैं। विभिन्न प्रकार की चिड़ीयों, सांपों, और मगरमच्छों की दृष्टि से दर्शकों को भी लुभाता है। पूवर द्वीप आत्मसमर्पित समुद्री जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, और शांतिपूर्णता के लिए एक आदर्श गेटवे है जो यात्रीगण को अपनी गोदी में लपेट लेता है।
3. कनककुन्नू महल
कनककुन्नू महल, केरला, भारत में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है जो प्राचीन काल में कनककुन्नू राजवंश के राजा के आवास के रूप में बनाया गया था। यह महल त्रिवेंद्रम के शहर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है और भारतीय स्थापत्यकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कनककुन्नू महल का निर्माण 19वीं सदी में हुआ था और इसे महाराजा स्वाती तिरुनाल के आदेश पर बनाया गया था। यह महल विभिन्न शैलियों का संगम है, जिसमें ड्रविड़, केरलीय, मुघल और यूरोपीय शैलियां शामिल हैं। महल का संरचना, सुंदर नक्काशी, और उसकी उच्च कला से यह एक पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर है। कनककुन्नू महल में राजा के निवास स्थलों, स्वर्ण और चांदी के आभूषणों, और विशेष शैलीयों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाने वाले अनेक कक्षें हैं। कनककुन्नू महल अपने ऐतिहासिक महत्व और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, और यह राजमहल के शैली में भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय उदाहरण प्रदान करता है।
4. विझिंजम रॉककट गुफा
विझिंजम रॉककट गुफा, केरला, भारत में स्थित है और यह एक प्राकृतिक आश्चर्य है जो शैली से निर्मित हुआ है। यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी माना जाता है और स्थानीयता की दृष्टि से बहुत अद्वितीय है। गुफा एक विशेष प्रकार के शैल से बनी है जो बड़ी ऊचाई पर स्थित है और एक अद्वितीय रॉककट के रूप में उभरा हुआ है। इसका नाम ‘विझिंजम’ है, जो स्थानीय भाषा मलयालम में ‘विशेष स्थल’ को दर्शाता है। गुफा की ऊचाई और उदाहरणीय संरचना के कारण, यहां से प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता का आनंद लिया जा सकता है। यह भौतिक और भौतिकीय रूप से रोचक है, और यहां के दर्शकों को अपनी अद्वितीयता के लिए प्रभावित करता है। विझिंजम रॉककट गुफा एक अद्वितीय प्राकृतिक चमत्कार है जो प्राकृतिक सौंदर्य के श्रृंगार को दिखाता है और एक अनूठी प्राकृतिक विरासत का हिस्सा है।
5. जादू ग्रह
जादू ग्रह त्रिवेंद्रम, केरला, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो आत्मा और अद्वितीयता के साथ जुड़ा हुआ है। यह स्थल ध्यान और साधना के लिए एक सांत और शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करता है और यह आत्म-समर्पण की अनुभूति करने के लिए जाना जाता है। जादू ग्रह का सबसे अद्वितीय तत्व यह है कि यह सभी धर्मों, जातियों, और विचारधाराओं के लोगों के लिए एक सामंजस्यपूर्ण स्थल है। यहां के शिष्य लोग समृद्धि, चेतना, और आत्मविकास का अध्ययन करते हैं और साधु-संतों से गुरुकुल प्रणाली के अनुसार शिक्षा प्राप्त करते हैं। जादू ग्रह में ध्यान और योग की परंपराएं हैं, जो यहां के आगंतुकों को आत्मा के साथ एकाता का अनुभव करने का अवसर देती हैं। यहां के चित्रसूची भी अद्वितीय हैं, जिनमें आध्यात्मिक उद्देश्यों की प्रेरणा से निर्मित कला का संग्रह है। जादू ग्रह त्रिवेंद्रम एक सुंदर और शांतिपूर्ण स्थल है जो आत्मा की खोज और आत्म-समर्पण के लिए एक साधना स्थल के रूप में मशहूर है।